Apple का भारत में निर्माण: एक नई शुरुआत

Apple, जो दुनियाभर में प्रीमियम स्मार्टफोन्स और इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट्स के लिए जाना जाता है, भारत में अपनी मैन्युफैक्चरिंग शुरू करने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रहा है। यह कदम “मेक इन इंडिया” अभियान के तहत देश के लिए एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।


Apple ने भारत में मैन्युफैक्चरिंग क्यों शुरू की?

  1. बढ़ता भारतीय बाजार: भारत एक ऐसा देश है जहां स्मार्टफोन उपयोगकर्ता तेजी से बढ़ रहे हैं। इस बाजार में Apple का मजबूत पैर जमाना जरूरी था।
  2. चीन पर निर्भरता कम करना: कोरोना महामारी और कई वैश्विक परिस्थितियों के कारण Apple चीन से अपनी निर्भरता कम कर अन्य देशों में निर्माण बढ़ाना चाहता है।
  3. सरकार की PLI योजना: भारत सरकार की Production Linked Incentive (PLI) योजना के तहत कंपनियों को स्थानीय स्तर पर निर्माण करने के लिए प्रोत्साहन दिया जा रहा है।

भारत में Apple का निर्माण कब से शुरू हुआ?

Apple ने साल 2017 में पहली बार भारत में iPhone SE की असेंबलिंग शुरू की थी। इसके लिए Apple ने Wistron नामक कंपनी के साथ मिलकर बेंगलुरु में उत्पादन शुरू किया।

इसके बाद, धीरे-धीरे Foxconn और Pegatron जैसी बड़ी कंपनियों ने भारत में मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स स्थापित कीं। साल 2023 तक Apple ने कई iPhone मॉडल्स जैसे iPhone 12, iPhone 13, और iPhone 14 का उत्पादन भारत में शुरू कर दिया है।


Apple के भारत में निर्माण का लाभ

  1. लोकल मैन्युफैक्चरिंग से कीमतें कम होंगी: भारत में निर्माण होने से आयात शुल्क कम लगेगा, जिससे iPhones की कीमतों में कमी आने की उम्मीद है।
  2. रोजगार के नए अवसर: स्थानीय उत्पादन से लाखों लोगों को रोजगार मिलेगा।
  3. भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर मजबूत होगा: Apple जैसे ग्लोबल ब्रांड के आने से भारत का तकनीकी क्षेत्र और मजबूत होगा।

भविष्य की योजनाएँ

Apple की योजना है कि आने वाले कुछ सालों में भारत को मैन्युफैक्चरिंग का एक बड़ा हब बनाया जाए। कंपनी यहां iPads, MacBooks और अन्य प्रोडक्ट्स का निर्माण भी शुरू कर सकती है।


निष्कर्ष

Apple का भारत में निर्माण शुरू करना भारतीय अर्थव्यवस्था और उपभोक्ताओं दोनों के लिए एक बड़ा कदम है। इससे न केवल भारत में iPhones की कीमतें कम हो सकती हैं, बल्कि देश की वैश्विक स्तर पर पहचान एक मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में और मजबूत होगी।

Apple और भारत के इस साझे भविष्य में एक नई तकनीकी क्रांति की उम्मीद की जा रही है।

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